बेखयाली में भी Lyrics और Review – कबीर सिंह | सचेत टंडन

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Bekhayali Song Lyrics from Kabir Singh: बेखयाली में भी तेरा गाना, कबीर सिंह फिल्म का पहला गाना है। जिसे गायक सचेत टंडन ने गाया है। इस सिनेमा के मुख्य किरदार में शाहिद कपूर और क्यारा आडवाणी निभा रहे हैं। Bekhayali Lyrics इरशाद कामिल जी ने लिखे हैं। सचेत टंडन जी गायक होने के साथ ही संगीत निर्देशक भी हैं और इस गाने का संगीत उन्होंने परंपरा ठाकुर जी के साथ निर्देशित किया है। Bekhayali Me Bhi Lyrics से पढ़ने से पहले इस गाने की छोटी सी समीक्षा (Review) कर लेते हैं।

Review

गाने के फिल्मांकन में आपको, फिल्म की कहानी के अनुसार, वर्तमान और भूतकाल के दृश्य नजर आएंगे। इसलिए फिल्मांकन को हम कुछ खास नहीं कह सकते। लेकिन हाँ, इस गाने में प्यार को गलत तरीके से परिभाषित किया है। हम चाहते हैं कि आप उस गलत परिभाषा को खुद कमेंट कर के नए बताएं।

बेखयाली लिरिक्स बहुत ही साधारण “मगर” उर्दू शब्दों के इस्तेमाल करते हुए गोल-मोल तरीके से लिखी गई है। लेकिन शब्दों का यह गोलमोल बहुत ही प्रभावशाली है। गाने के बोल आपके मन को प्रभावित करते हैं, आपको सोचने पर मजबूर कर देते हैं। ये ऐसा लिरिक्स है जो वास्तविकता पर ध्यान केंद्रित करती है। इस गाने की, ये नाकाम प्यार में वाली लाइन, प्यार में नाकाम लोगों पर सीधा कटाक्ष करती है।

संगीत की बात करे तो इसका संगीत आपको दो तरह के मिजाज को बताता है। गाना जब शुरू होता है। तब वो गम का एहसास कराता है फिर थोड़ी ही देर में आपको प्यार के जुनून में ले जाता है। इस गाने में आपका मूड कई बार बदलता रहता है। आखिर में गाने को हम बेहतर नहीं कह सकते। लेकिन हां, बेखयाली गाने का लिरिक्स और संगीत काफी अलग है, प्रभावशाली है।

Details

  • Singer: सचेत टंडन
  • Lyricist: इरशाद कामिल
  • Music: सचेत टंडन, परंपरा ठाकुर
  • Album: कबीर सिंह
  • Cast: शाहिद कपूर, क्यारा आडवाणी
  • Music: T-Series

Lyrics

बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आए
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आए
तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फ़ासले भी तेरे बेमिसाल आए

मैं जो तुमसे दूर हूँ, क्यूँ दूर मैं रहूँ
तेरा गुरुर हूँ
आ तू फ़ासला मिटा, तू ख्वाब सा मिला
क्यूँ ख्वाब तोड़ दूँ

बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आए
क्यूँ जुदाई दे गया तू ये सवाल आए
थोड़ा सा मैं खफ़ा हो गया अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह ही मलाल आए

है ये तड़पन है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये खुदा मेरे

ये जो लोग-बाग हैं, जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूँ
ये नाकाम प्यार में, खुश हैं ये हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ

रातें देंगी बता, नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ कैसे तुझे तू तो ख्यालों में साथ है
बेखयाली में भी तेरा ही खयाल आए
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आए

नज़र के आगे हर एक मंज़र रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे ज़हर की तरह उतर रहा है (×2)

आ ज़माने, आज़मा ले, रूठता नहीं
फ़ासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफ़ा और ना मैं हूँ बेवफ़ा
वो मेरी आदतों की तरह छूटता नहीं

Video

Kabir Singh Songs

Author

Hindi Song Review

हिंदी सॉन्ग रिव्यू: भारत का पहला गाने की समीक्षा करने वाला पहला ब्लॉग है। 2017 से ये ब्लॉग लगातार काम कर रहा है और आगे भी काम करता रहेगा।

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1 Comment

  • Puchha Kisi Ne Haal Kisi Ka To Ro Diye
    Pani Mein Aks Chand Ka Dekha To Ro Diye,
    Nagma Kisi Ne Saaz Par Chera To Ro Diye
    Gancha Kisi Ne Shakh Se Tora To Ro Diye,
    Urdta Hoa Gubar Sar Rah Dekh Kar
    Anjaam Hum Ne Ishq Ka Socha To Ro Diye,
    Badal Faza Mein Aap Ki Tasveer Ban Gi
    Saya Koi Kahyal Se Guzra To Ro Diye,
    Rang-e-Shafq Se Aag Shagofon Mein Lag Gi
    Mubeen Sagar Hamare Hath Se Jahlka To Ro Diye.

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